नई दिल्ली: उत्तर भारत मे चल रही भीषण शितलहर के बीच दिल्ली एनसीआर के सभी अस्पतालों मे स्वाइन फ्लू का वायरस (H1N1) संक्रमण के मामले मे वृद्धि देखी जा रही हैं, जो बुजुर्गों और किसी रोगाणुओ से ग्रसित लोगों को काफी प्रभावित कर रहा हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार बुजुर्गों और बच्चों को संक्रमण से लंबे समय तक इस वायरस से संक्रमित रह सकते हैं। जो ठंड के मौसम मे इस वायरस का खतरा बढ़ जाता हैं, यह एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा ए वायरस हैं, जो सूअरों को प्रभावित करने वाले फ्लू वायरस के कारण इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता हैं।
स्वाइन फ्लू वायरस फैलने के लक्षण
डॉक्टर बुजुर्गों को लेकर अधिक चिंतित हैं, बुजुर्गों के उच्च रक्तचाप और सीना मे संक्रमण बढ़ने का खतरा अधिक हैं। H1N1 एक अत्यधिक संक्रामक रोग हैं, जो खासी, हवा, छिक और बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे फैलता हैं। डॉक्टरों के अनुसार जब आप किसी दूषित सतह को छूटे हैं और अपने मुंह, नाक या अखो को छूटे हैं आपको भी संक्रमण हो सकता हैं।
स्वाइन फ्लू वायरस का इलाज कैसे किया जाता हैं
डॉक्टरों के अनुसार जो व्यक्ति स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं, या स्वास्थ है उन्हे विशेष प्रकार की उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं, यदि आप संक्रमित है तो आपको यह करना चाहिए।
- इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर पर ही रहें।
- बुखार काम करने और दर्द से राहत पाने के लिए दवा जरूर ले।
- इसमे अधिक से अधिक तरल पदार्थ का खाने मे प्रयोग करे।
- इस बीमारी मे संतुलित आहार, हल्का भोजन ले।
- छिकते या खाँसते समय अपनी नाक और मुह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढक ले।
- अपने हाथ को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोए।
- संक्रमित लोगों के करीब जाने से बचे।
डॉक्टरों के अनुसार स्वाइन फ्लू के वायरस को रोकने सबसे अच्छा तरीका, वार्षिक फ्लू का टीका लगवाना चाहिए, जिसे 6 महीने से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को लगाया जा सकता हैं।
स्वाइन फ्लू वायरस को कैसे रोके
स्वाइन फ्लू वायरस व्यक्ति से व्यक्ति के बीच मुख, नाक और आंतरिक श्वासमार्ग के माध्यम से फैल सकता है। जब कोई स्वाइन फ्लू संक्रमित व्यक्ति खासी या छींकता है, तो वायरस वायुमंडल के माध्यम से छूतें या छींकें उड़ा सकता है और इससे अन्य व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सीधे संबंध बनाने की क्षमता रखता है, लेकिन जब यह व्यक्ति से व्यक्ति तक फैलता है, तो उसमें विभिन्न तरीकों से फैलने की क्षमता होती है।
स्वाइन फ्लू के फैलने के कुछ मुख्य कारण हैं:
छूंकीं या खासीं वायरस के संग्रहण के कारण: स्वाइन फ्लू वायरस(H1N1) को खासी या छींकने के समय छूंकीं या छींकीं के साथ बाहर आता है और वायुमंडल के माध्यम से फैल सकता है।
संकरण के सामग्री से: संक्रमित सामग्री, जैसे कि छींकने या खासी के कण, यदि किसी के साथ संपर्क में आते हैं, तो वायरस किसी और को संक्रमित कर सकता है।
संवेदनशील स्थानों पर: स्वाइन फ्लू वायरस अधिक संवेदनशील स्थानों, जैसे कि लोगों की भीड़-भाड़ में या भारतीय बाजारों में, तेजी से फैल सकता है।
व्यक्ति के संपर्क में रहकर: स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है, विशेषकर उन लोगों को जिनकी सुरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। इसलिए, स्वाइन फ्लू से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोना, छूंकीं और खासी से बचना, संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क से बचना, और स्वाइन फ्लू वैक्सीन का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कुछ सामान्य सुरक्षा कदम शामिल हैं
हाथों को साबुन से धोएं: अच्छे से हाथों को साबुन और पानी से धोना स्वाइन फ्लू जैसी संक्रमणों को फैलाने से बचा सकता है।
चिकित्सक से सलाह लें: लक्षणों के प्रमाण होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें और उनके दिशानिर्देशों का पालन करें।
बच्चों को समर्थन दें: बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए उचित तरीके से समर्थन दें, जैसे कि हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए शिक्षित करना। स्वाइन फ्लू के खिलाफ वैक्सीन भी उपलब्ध है, और चिकित्सक की सलाह पर यह लोगों को लगवाई जा सकती है। इसलिए, स्वाइन फ्लू और अन्य इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का महत्व है।
Editor In Chief: Dewa Gupta
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