National girl child day 2024: राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुवात 24 जनवरी 2008 को हुई थी। यह विशेष दिन बालिकाओं के समृद्धि और समाज में उनके सकारात्मक योगदान को मान्यता देने का उद्देश्य रखता है, और उन्हें उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज में उच्चतम स्थान तक पहुंचाने का संकल्प करता है। इस दिन को सार्वजनिक स्तर पर बालिकाओं के अधिकारों और समृद्धि के साथ जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार राष्ट्र के निर्माण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है की की सभी लड़कियों को और पनपने का अवसर मिले, और सभी लड़कियों का हौसला बुलंद हो।
अब बेटियाँ हर क्षेत्र मे आगे
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भ्रूण हत्या पाप हैं
भ्रूण हत्या, जिसे गर्भपति हत्या या फीटाईसाइड (Feticide) भी कहा जाता है, एक सामाजिक और नैतिक समस्या है जो गर्भावस्था में एक गर्भवती महिला के गर्भ मे भ्रूण हत्या को दर्शाती है। यह आमतौर पर लड़के और लड़की की जेंडर सिलेक्टिव अभोग से जुड़ा होता है, जिसमें लोग चाहते हैं कि उनका पुत्र हो, और उसके लिए बच्चा का जन्म नहीं होने पर गर्भावस्था को समाप्त करते हैं। इस प्रकार की प्रथा, जिसे “जेंडर सिलेक्टिव अभोग” कहा जाता है, मुख्यतः उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहाँ लड़के को लड़कियों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है। ऐसा करने के लिए, गर्भपति या फीटाईसाइड का उपयोग किया जाता है, जिससे गर्भावस्था को समाप्त किया जाता है और जन्म होने वाले बच्चे की मौके पर हत्या होती है। यह प्रथा कई समाजों में नैतिक और सामाजिक चिंताओं का कारण बनती है, और यह नारी और बालक के अधिकारों के खिलाफ है। कई देशों में इस प्रकार की अवैध गर्भपति प्रथा को रोकने के लिए कड़ी कानूनी कदम उठाए गए हैं, लेकिन इसका पूरी तरह से उपयोग बंद करना चुनौतीपूर्ण है और इस प्रयास में कई कड़ीयाँ आती हैं। भ्रूण हत्या करना या करना दोनों कानून अपराध हैं इसमे आपको कई वर्षों की सजा भी हो सकती हैं।