Population of youths declining in Kerala 2024: केरल मे घटती युवा जनसंख्या का कमी आजकल चर्चा का विषय बन गया हैं। लेकिन वायनाड, इडुक्की, पलक्कड़, कोट्टायम और पथानामथिट्टा जैसे कई जिलों में युवा आबादी का जनसंख्या घट गया हैं। केरल के वायनाड में गिरावट अधिक है। 2001 में, केरल में युवा आबादी का अनुपात अधिक था, तथा 2011 में, किशोर आबादी का अनुपात अधिक था। केरल में कुछ संस्थानों और समुदायों द्वारा सामना किए जा रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन और चुनौतियाँ स्पष्ट हो रही हैं। इसका एक उदाहरण हैं, 2016 में लिटिल फ्लावर स्कूल में 700 से अधिक छात्र थे, हालांकि, वर्तमान समय मे नामांकन घटकर 280 रह गया है। यह गिरावट LKG कक्षाओं को दो से घटाकर एक करने में परिलक्षित होती है।
केरल के युवा विदेशों मे क्यों पलायन कर रहे हैं ?
- रोजगार के अवसरों की खोज: कुछ युवा विदेश जाते हैं, ताकि वहां रोजगार के अवसरों की खोज कर सकें। कुछ विशेष क्षेत्रों में जैसे कि तकनीकी, वित्तीय, अथवा अन्य क्षेत्रों में योजनाएं बेहतर हो सकती हैं, जो उन्हें अधिक संभावनाएं प्रदान कर सकती हैं।
- पढ़ाई के लिए: कुछ युवा विदेश पढ़ाई करने के उद्देश्य से जा रहे हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए अच्छे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करने का यह एक सामान्य कारण हो सकता है।
- पर्यावरण और विशेषज्ञता: कुछ विदेश जाने वाले युवा अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए विशेषज्ञता प्राप्त करने के उद्देश्य से विदेश जा रहे हैं। वहां के उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हो सकती हैं।
- अनुसंधान और विकास: कुछ युवा विदेश जाकर विशेष अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। इससे उन्हें नई तकनीकियों, उत्पादों, और सेवाओं के बारे में अधिक ज्ञान हो सकता है, और वे अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं।
- सांस्कृतिक विनिमय: कुछ लोग विदेश जा रहे हैं, वहां की सांस्कृतिक और भौतिक वातावरण को समझने के लिए, जिससे उनका व्यापारिक और सामाजिक विकसित दृष्टिकोण हो सकता है। इन सभी कारणों से केरल के युवा विदेश जा रहे हैं, जो उन्हें नई अवसरों और अनुभवों का सामना करने का मौका प्रदान कर सकता है।
एक वजह यह भी हो सकता है युवा लड़कियों की जनसंख्या मे कमी
केरल में हिंदुओं के धर्मांतरण की खबरें कई सालों से आ रही हैं। 2016 में आई गई रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया था। इसमें विभिन्न कारणों का समावेश हो सकता है जैसे कि व्यक्तिगत धार्मिक आत्मसमर्पण, सामाजिक परिवर्तन, या कोई अन्य कारण। केरल स्टोरी फिल्म आने से मामला और भी गरम हो गया है, क्योंकि फिल्में आमतौर पर समाज में विवादों और चर्चाओं को उत्तेजना कर सकती हैं। केरल की जनगणना के अनुसार, 2011 में यहां 55 प्रतिशत हिंदू और 27 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी, लेकिन यह सांकेतिक है और समय के साथ इसमें बदलाव हो सकता है। “द केरल स्टोरी” इस फिल्म के अनुसार केरल की 32 हजार महिलाओं का धर्मांतरण और आतंकी संगठन ISIS में शामिल कराने की कहानी दिखाई गई है। फिल्म से जुड़े विवादों के कारण इस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया है, और सियासत में भी इस पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केरल के मुस्लिम युवा लिंग ने इसका विरोध किया है, और उनका आरोप है कि 32 हजार लड़कियों का धर्म बदलकर सीरिया भेजा गया। इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी पक्षों के बीच विचार-विमर्श जारी है।
कुछ लोगों का कहना हैं की, ‘यह किसी भी जनसांख्यिकीय परिवर्तन की कहानी है। अब यह अंततः पूरे भारत की कहानी होगी।’
Editor In Chief: Dewa Gupta
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