UNO (United Nations Organisation): संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया हैं की जलवायू परिवर्तन के वजह से मालदीव को संकट मे डाल दिया हैं। जिस रफ्तार से समुन्द्र के पानी का स्तर बढ़ रहा हैं, अगर समुन्द्र के जलस्तर महज एक मीटर बढ़ता हैं, तो पर्यटकों का स्वर्ग माने जाने वाला मलदुव डूब जाएगा संयुक्त राष्ट्र के मे इसको चिंता जताया गया हैं। वातावरण मे ग्रीन हाउस गैसो के बढ़ते उत्सर्जन से तापमान बढ़ रहा हैं। इससे पृथ्वी पर मौजूद बर्फ बहुत तेजी से पिघल रही हैं, यह समुन्द्र के जलस्तर मे बढ़ोतरी का एक अहम कारण हैं। दरअसल एक्सपर्ट का कहना हैं की, मालदीव मे समुन्द्र के जलस्तर मे हर साल लगभग 3 से 4 मिलींमीटर की दर से बढ़ता जा रहा हैं। आने वाले साल 2050 तक यहा के कई निचले द्वीप जलस्तर बढ़ने के कारण पूरी तरह डूब जाएंगे।
मालदीव के कुछ प्रमुख विशेषता
1)मालदीव एक द्वीपीय राष्ट्र है जो भारतीय महासागर में स्थित है। यह दक्षिण एशिया का एक हिस्सा है, और इसमें 26 अटोल (द्वीप समूह) और 1,192 छोटे-बड़े द्वीप शामिल हैं। मालदीव की राजधानी माले है, जो की एक एकीकृत समुद्री प्रणाली में स्थित है।
2)यह एक एकपादुक देश है, जिसका अर्थ है कि यह केवल एक ही द्वीप समूह से बना हुआ है। यहां कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं: भूगोल: मालदीव का क्षेत्रफल लगभग 298 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें सभी द्वीपों को मिलाकर शामिल किया जाता है। यहां का भूगोल सुंदर है और इसे अपनी शानदार समुद्री जीवन, कोरल रीफ्स, और सफेद रेत की सुंदरता के लिए जाना जाता है।
3)भाषा: मालदीवी की भाषा धीवेही है, जो संस्कृत के सांस्कृतिक रूपों का एक हिस्सा है। इसके अलावा, अंग्रेजी भी बोल जाता है, और सरकारी कामों में भी उपयोग होती है।
4)मालदीव की आर्थिक आधार पर प्रमुख आधार टूरिज्म है, जो इसके सुंदर समुद्री दृश्य, वाणिज्यिक जलवायु, और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है।
5)राजनीति रूप से: मालदीव एक संविधानिक गणराज्य है जिसमें एक प्रधानमंत्री और एक प्रमुख न्यायाधीश होते हैं।
मालदीव और लक्षद्वीप के बीच केवल 700 किलोमीटर का फैसला हैं, और भारत के मुख्य भूभाग से केवल 1200 किलोमीटर ही दूर हैं।
लक्षद्वीप: आपको बता दे की लक्षद्वीप मे प्रफुल पटेल को प्रशाक बनने के बाद से कई विवाद सामने आ चुके हैं, पटेल गो माँस और बीफ पर पाबंदी लगा चुके हैं। लक्षद्वीप मे साप्ताहिक छूटी शुक्रवार के बदले रविवार को कर दी गई हैं, पहले जुम्मे के नमाज का छुट्टी रहता था । 2011 के जनगणना के अनुसार यहा 96 फीसदी आबादी मुसलमानों की हैं।
मालदीव:आपको बता दे की 12वी शताब्दी तक भारत के हिन्दू राजाओ के शासन रहा हैं, इसके बाद यह बौद्ध धर्म का भी केंद्र बना रहा, ऐसा माना जाता हैं की तमिल राजा चोल भी शासन कर चुके हैं, बाद मे अरब व्यापारियो के आगमन के बाद यह देश धीरे-धीरे मुस्लिम राष्ट्र मे बदलता चला गया। तब से अबतक मालदीव मे इस्लाम का ही शाशन चल रहा हैं ।
मालदीव का आबादी लगभग 5 लाख हैं और यह एक संघीय प्रजातन्त्र हैं। जिसमे राष्ट्रपति होता हैं, मालदीव की अर्थव्यस्था मुख्यतः मछली पकड़ाई, और तेल उत्पादन पर आधारित हैं।
इसका जलवायु समृद्ध है और यह एक सुंदर समुद्री जीवन का स्थान है। मालदीव के सफेद समुद्री समुद्र और कारीबियन के समुद्रों की तरह किसी देश के साथ तुलना की जाती है।
मालदीव को अपनी सुंदर समुद्री जीवन, कुशल पर्यटन और एकाधिकारिकी से जाना जाता है, और यह एक पॉपुलर विश्व पर्यटन स्थल है।
मालदीव, एक द्वीप समृद्ध देश है जो भारतीय महासागर में स्थित है। इसका पूरा नाम ‘मालदीव गणराज्य’ है। यह दक्षिण एशिया का एक हिस्सा है और इसे उत्तर में लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप समूहों से घेरा गया है।
मालदीव का क्षेत्रफल लगभग 298 वर्ग किलोमीटर है, और इसमें 4 सीजनी द्वीप समूह हैं – कोलमादुलू, धाले, माले, और एडू आदि। मालदीव का सबसे बड़ा और राजधानी शहर ‘माले’ है, जो की एक आधिकारिकी रूप से ‘राजधानी क्षेत्र’ के रूप में जाना जाता है।
Editor In Chief: Dewa Gupta
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