Msp Upsc in Hindi: क्या हैं न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे तय होता हैं (MSP)

Dewa Gupta
5 Min Read

Msp Upsc in Hindi 2024: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) यह वह दर है जिसपर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। तथा यह किसानों द्वारा किए गए उत्पादन की लागत के कम से कम डेढ़ गुना की गणना पर आधारित होती है, दूसरे शब्दों मे कहे तो (MSP) किसी भी फसल के लिए एक न्यूनतम समर्थन मूल्य है जिसे सरकार किसान के लिए लाभकारी मानती है यह वह कीमत है जिससे सरकारी एजेंसीया किसानों से अनाज खरीदने पर पैसों की भुगतान करती है, वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य को सरकार गारंटी दे या नहीं दे ऐसा कानून के कही लिखा नहीं गया हैं। Msp Upsc in Hindi

MSP के अंतर्गत कौन-कौन सी फ़सले आती हैं

Msp Upsc in Hindiकेंद्र सरकार 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा गन्ने के लिए उचित और लाभकारी मूल्य यानी (FRP) की घोषणा करती है जिसमे चार तरह की फसले शामिल है-

  • 4 प्रकार के वाणिज्यिक फसल – (कपास, झूट, खोपरा और गन्ना)
  • 5 प्रकार के दाल – (चना, उड़द, तुअर, मसूर और मूंग)
  • 7 प्रकार के अनाज – (मक्का, गेहू, धन, जौ, रागी, बाजरा और ज्वार)
  • 7 प्रकार के तिलहन – (सरसों, सूरजमुखी, सीड, सोयाबीन, मूंगफली, तिल और नारियल)

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे तय करती हैं

सरकार प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में मौसमी फसल जैसे रवि और खरीफ की न्यूनतम मूल्य समर्थन की घोषणा करती है। सरकार द्वारा कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा की गई सिफारिशो का न्यूनतम समर्थन मूल्य का गहन अध्ययन करने के बाद तय करती है।

कृषि लागत और मूल्य आयोग कृषि और कल्याण मंत्रालय से संबंधित एक कार्यालय हैं।

 न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए जिम्मेदार कारक

किसी वस्तु के लिए MSP की सिफारिश करते समय CACP (Commission for Agricultural Costs and Prices) कृषि मूल्य के कारकों पर विचार करता है जिसमें खेती का कुल लागत भी शामिल है।

एमएस स्वामीनाथन समिति क्या हैं 

एमएस स्वामीनाथन समिति (M.S. Swaminathan Committee) यह एक महत्वपूर्ण समिति है जो भारत सरकार द्वारा गठित की गई थी। इस समिति का नाम प्रमुख कृषि वैज्ञानिक और किसान आंदोलनकारी डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के नाम पर रखा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि को मजबूत करना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बनाया गया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य एक विशेष अनुसंधान और समर्थन मूल्य है जो इस समिति ने सुझावित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य है किसानों को उचित और सुरक्षित मूल्य प्राप्त करने में मदद करना, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सके। यह मूल्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है ताकि उन्हें न्यूनतम स्तर पर अपनी लागत को कवर करने की सुरक्षा हो। यह कृषि सेक्टर में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाता है।

डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन समिति को भारत सरकार द्वारा 2004 में गठित किया गया था। इस समिति का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि मे सुधार और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सुझाव प्रदान करना था।

 

MSP (Minimum Support Price): न्यूनतम समर्थन मूल्य ऐसा दर है, जिस दर पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है जो उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है, जिस पर केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है।

MSP के तहत चार प्रकार के फसलों को उचित कीमत दिए जाने के उद्देश्य से सन 1965 में न्यूनतम समर्थन मूल्य और मूल्य आयोग CACP (Commission for Agricultural Costs and Prices) का गठन किया गया था। इसके तहत सरकार और साल MSP तय करती है, पहली बार 1966 में MSP लागू की गई थी।

 

MSP कानून के तहत फसल की बुवाई के समय ही फसलों की न्यूनतम कीमत तय कर दी जाती है, अगर कभी फसलों की कीमत बाजार के हिसाब से बढ़ जाती है तब भी केंद्र सरकार टॉय मूल्य पर ही फसलों को खरीदनी है। या कभी फसलों की कीमत बाजार के हिसाब से गिर जाती है तभी केंद्र सरकार MSP पर ही फसलों को खरीदती हैं ताकि  किसानों को नुकसान न सहना पड़े।

 

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