Mumps spikes: हिमाचल समेत इन राज्यों में बढ़ी गलसुआ (कण्ठमाला) की बीमारी

Dewa Gupta
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गलसुआ (कण्ठमाला) बीमारी: गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया हैं, एक रिपोर्ट के अनुसार छोटे बच्चों में कण्ठमाला बीमारी तेजी से फैलने के बारे मे चेतावनी जारी की है, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में यह मामला बहुत तेजी से फैल रहा है, इससे हमीरपुर के स्कूल में 5 से 10 वर्ष की आयु के बच्चे ज्यादातर प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार यह संक्रमण मुंह के भीतर लार ग्रंथियो को लक्षित करता है, जिससे मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, थकान सर दर्द, बुखार और खाने के दौरान दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

Mumps spikes

गलसुआ फैलने से कैसे रोके

बच्चों में गलसुआ (कण्ठमाला) को फैलने से बचाव के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-

  • साफ सफाई का ध्यान रखें:- बच्चों को साफ सुथरे रखने के लिए नियमित स्नान कराये और सही तरीके से हाथ धोएं। हाथों को साबुन से धोना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि गलसुआ वायरस संपर्क माध्यम से फैलता है।
  • हाथों को अक्सर धोएं:- बच्चों को बाहर से आने के बाद, खाना खाने के बाद, और टॉयलेट जाने के बाद हाथ धोने की आदत डालें।
  • जागरूकता बढ़ाएं: बच्चों को साफ सफाई और हाथों को सही तरीके से धोने के महत्व के बारे में शिक्षा दें। उन्हें गलसुआ वायरस (Mumps spikes) से बचाव के लिए सही आदतें सिखाएं।
  • बच्चों को एक दूसरों से दूर रखें:- जब गलसुआ फैल रहा होता है, तो बच्चों को दूसरों से सुरक्षित रखना अच्छा होता है। उन्हें बाहर खेलने के लिए बारिशी स्थानों से दूर रखें और उन्हें अगर किसी के साथ ज्यादा करीब नहीं बिठाएं।
  • हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें:-बच्चों को सैनिटाइजर का सही तरीके से उपयोग करना सिखाएं, विशेषकर जब पानी और साबुन उपलब्ध नहीं हो।
  • वैक्सीनेशन:- बच्चों को समय-समय पर वैक्सीनेशन दिलाना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें गलसुआ वायरस के खिलाफ सुरक्षित बना सकता है।

गलसुआ के लक्षण

गलसुआ के लक्षण हानिकारक प्रतीत होते हैं, इन लक्षणों में बुखार, ग्रंथियां में सूजन (कान के पास), थकान, मांसपेशियों में दर्द और सर दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस बीमारी के शुरुआती लक्षण में बुखार, सर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना इत्यादि समस्याएं शामिल है, 1-2 दिन के बाद कान या जबड़े के नीचे की ग्रंथियां सूज जाती है, सुजने वाले क्षेत्र बहुत दर्दनाक होता है, और कान में दर्द भी हो सकता है, इस बीमारी में खट्टे या अम्लीय भोजन करने से दर्द बढ़ सकता है।

इस बीमारी में सूजन आमतौर पर लगभग सात दिनों तक रहता है और अन्य लक्षण जो है तीन से चार दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। इस इस बीमारी में सुजन होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

FAQs

Ques.1 गलसुआ होने पर क्या लगाया जाता है?

गलसुआ होने पर बर्फ से सिकाई करें यह वायरस जनित रोग होता है, इसलिए इस बीमारी में अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है। हल्का पानी गर्म करके गरारे करने से दर्द में आराम मिलता है इस बीमारी वाले रोगियों को अम्लीय पदार्थ और पढ़ने फलों के सेवन से बचना चाहिए।

Ques.2 गलसुआ में क्या नहीं खाना चाहिए?

इस बीमारी में खट्टे फल या अम्लीय पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।

Ques.3 कान के नीचे सूजन क्यों होता है?

यह बीमारी पैरामाइक्सोवायरस नामक वायरस से फैलता है, इधर से कान के नीचे की ग्रंथियां सूज जाती है, दर्द करने लगता है तथा यह बीमारी डॉक्टर के महंगे उपचार के बाद ठीक हो जाता है।

 

Editor In Chief: Dewa Gupta 

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