Pakistan temple Hindu: आपको बता दे की भारत से बुधवार 6 मार्च 2024 को बाघा बॉर्डर के रास्ते पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पहुचे। पाकिस्तान मे महाशिवरात्रि का मुख्य समारोह 9 मार्च को लाहौर से 300 किलोमीटर दूर चकवाल मे कटास राज मंदिर मे आयोजित किया जा रहा हैं। पाकिस्तानी एजेंसी के मुताबिक ETPB के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया की महाशिवरात्रि के जश्न मे हिस्सा लेने के लिए Pakistan temple 62 हिन्दू तीर्थ यात्री 6 मार्च को पहुचे।
Pakistan temple : कटास मंदिर का महत्व क्या हैं?
कटास मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उतरी भग मे स्थित है, यहां पर नमक पर्वत श्रृंखला पर स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहां पर एक बहुत पुराना शिव मंदिर है इसके अलावा और भी मंदिरों का श्रृंखला स्थित है, जो 10वीं शताब्दी की बनी हुई है। भारतीय इतिहासकार और पुरातत्व विभाग के अनुसार इस स्थान Pakistan temple को शिव नेत्र के रूप में माना जाता है।
ऐतिहासिक स्थलों का दौरा
भारतीय श्रद्धालु महाशिवरात्रि के जश्न में शामिल होने के बाद 10 मार्च को लाहौर लौटेंगे और 11 मार्च को लाहौर होते हुए कृष्ण मंदिर तथा लाहौर किला और लाहौर के कुछ ऐतिहासिक स्थान का दौरा भी करेंगे इसके बाद सभी तीर्थ यात्री 12 मार्च को अपने वतन भारत लौटेंगे।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो महादेव शिव को समर्पित है। यह पर्व हर साल फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है, और भक्त उन्हें ध्यान लगाते हैं, ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो। रात्रि भर में भक्त शिवलिंग पर जल, धतूरा, बेल पत्र, रुद्राक्ष माला, धूप, दीप, अक्षत, चन्दन, गंगा जल आदि से पूजा करते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा को भी बड़े श्रद्धाभाव से किया जाता है। काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, अमरनाथ, केदारनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, गृष्णेश्वर, भीमाशंकर – इन 12 लिंगों की पूजा का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं?
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव के समर्पित है। इसे हर साल फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्वपूर्ण कारण विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में उल्लेखित है-
- भगवान शिव का विवाह: महाशिवरात्रि का महत्वपूर्ण कारण है, इसी दिन भगवान शिव का विवाह भगवती पार्वती से हुआ था। इस दिन को उनके विवाह की सालगिरह के रूप में मनाना जाता है।
- अमृत पीलाने का घटनाक्रम: शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिव ने समुद्र मंथन के समय विष कलश का पान किया था, जिससे वे नीलकंठ कहलाए । इससे उनका गला नीला हो गया तब से उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा।
- प्राकृतिक महत्व: महाशिवरात्रि को फाल्गुण मास के अंत में मनाने का कारण है, कि इस समय प्राकृतिक तापमान कम होता है, और रात्रि लंबी होती है, जिससे भक्त आसानी से व्रत, पूजा, और ध्यान कर सकते हैं।
- तापमान एवं ध्यान: महाशिवरात्रि को महादेव के ध्यान और तपस्या में विशेष महत्व होता है। भक्तगण जागरूक रहते हैं, और भगवान शिव की अराधना में लगे रहते हैं।
महाशिवरात्रि का दिन उत्सव धार्मिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, और यह भक्तों को भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति में जुटाने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
पाकिस्तान मे स्थित शिव मंदिर
पाकिस्तान में कई स्थानों पर भगवान शिव के मंदिर हैं। एक प्रमुख और प्रसिद्ध शिव मंदिर, सिंध प्रांत के कराची शहर में स्थित है, जिसे ‘प्रेम मंदिर‘ भी कहा जाता है। यह मंदिर हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, और स्थानीय भक्तगण यह के लिए बड़े श्रद्धाभाव से यात्रा करते हैं।
कराची में प्रेम मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, और यहां उनकी पूजा विशेष रूप से महाशिवरात्रि जैसे धार्मिक अवसरों पर की जाती है। मंदिर की सुंदर वास्तुकला, शिवलिंग, और भगवान शिव की मूर्ति स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
इसके अलावा, पाकिस्तान में कई और छोटे शिव मंदिर हैं, जो भक्तगण की सेवा में हैं। ये स्थानें अपनी स्थानीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं, और वहां विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजन होते रहते हैं।
पाकिस्तान में ये शिव मंदिर सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सहयोग का प्रतीक हैं, जहां अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं ,और एक-दूसरे के साथ समर्थन और समझदारी की भावना से जुड़े रहते हैं।
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