Up politics news: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, काँग्रेस ने एक बयान मे कहा हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी के खिलाफ लगातार बयान देते आए हैं, हाल ही में आचार्य प्रमोद कृष्णम को आयोध्या मे हुए शुक्रवार को एक कार्यक्रम के लिए लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आचार्या जी को आमंत्रित किया गया था, आचार्य भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ नजदीकियों को हवा दे रहे थे, उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि कांग्रेस के कुछ बड़े नेता हिन्दुत्व से नफरत करते हैं, और कुछ कांग्रेस के नेता ऐसे भी हैं जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं बल्कि भगवान राम से भी नफरत है। और भगवान राम से नफरत करने वाला व्यक्ति कभी हिंदू नहीं हो सकता है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस से निष्कासित: कांग्रेस पार्टी लाइन से बाहर जाकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर के लिए भाजपा का समर्थन किया था, तथा उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का कांग्रेस के नेताओ द्वारा बहिष्कार करने पर कांग्रेस के इस फैसले पार्टी बड़े नेताओं पर पलटवार किया था। तथा उन्होंने इस फैसला को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था, कांग्रेस का बहिष्कार करते हुए वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में 22 जनवरी को शामिल भी हुए थे।
स्वामी चक्रपाणि ने प्रमोद कृष्णम दिए ये सलाह
आचार्य प्रमोद कृष्णम को स्वामी चक्रपाणि ने कहा की जितना जल्द हो सके आप काँग्रेस को छोड़कर श्री राम के शरण मे आ जाए।
आपको बता दे की स्वामी चक्रपाणि एक आध्यात्मिक नेता और शिक्षक हैं, जिन्होंने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की शिक्षाओं के प्रसार के लिए समर्पित कर दिया है। उन्हें वेदों, उपनिषदों और हिंदू धर्म के अन्य पवित्र ग्रंथों के व्यापक ज्ञान के साथ-साथ समसामयिक मुद्दों पर उनकी शिक्षाओं को लागू करने की उनकी क्षमता के लिए जाना जाता है। स्वामी चक्रपाणि स्थायी जीवन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की वकालत करते हुए विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों में भी शामिल रहे हैं। भारत और दुनिया भर में उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, और उनकी बुद्धिमत्ता, करुणा और आध्यात्मिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए सभी लोग उनका सम्मान किया करते है।
आचार्य प्रमोद कृष्णन के बारे मे
आचार्य प्रमोद कृष्णम पूर्व कांग्रेसी नेता हैं, जिन्हें हाल ही में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया हैं । उनका जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में एक त्यागी परिवार में हुआ था। उन्होंने दो बार काँग्रेस के टिकट पर लड़ चुके हैं काँग्रेस पार्टी ने उन्हे उत्तर प्रदेश से दो बार प्रत्यासी बनाया जिसमे साल 2014 मे संभल सीट से तथा साल 2019 मे लखनऊ से जिसमे उन्हे दोनों बार हार का सामना करना पडा था। आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाराज होने का कारण संभल और लखनऊ लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा को माना जा रहा हैं।
FAQs
Ques1 –आचार्य प्रमोद कृष्णन कौन है?
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में एक त्यागी परिवार में हुआ था। वे दो बार काँग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं काँग्रेस पार्टी ने उन्हे उत्तर प्रदेश से दो बार प्रत्यासी बनाया जिसमे साल 2014 मे संभल सीट से तथा साल 2019 मे लखनऊ से जिसमे उन्हे दोनों बार हार का सामना करना पडा था।
Ques3 – आचार्य का अर्थ क्या है?